दस्त से बचाव के लिये आसान घरेलु नुस्खे || दादी माँ के घरेलु उपाय नुस्खे
12 ग्राम खांड मिलाकर शीशी में रख लें। प्रातः तथा सायं एक ग्राम की मात्रा ठंडे पानी के साथ सेवन करने या कराने से सब प्रकार के पेट के रोग नष्ट हो जाते हैं।
12 ग्राम खांड मिलाकर शीशी में रख लें। प्रातः तथा सायं एक ग्राम की मात्रा ठंडे पानी के साथ सेवन करने या कराने से सब प्रकार के पेट के रोग नष्ट हो जाते हैं।
यह बुखार (ज्वर) मच्छरों द्वारा फैलता है। इस ज्वर में यकृत तथा प्लाहा भी बढ़ जाया करता है। जिसमें सर्दी भी लगती है। यही इस ज्वर के मुख्य लक्षण हैं। है। 3. शहद में पीपल-चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक निरन्तर सेवन करते रहने से ज्वर में लाभ होता है। अन्य ज्वर के रोगियों के लिए) दाख, पखल, नीम की छाल, नागरमोथा, इन्द्र जौ तथा त्रिफला इन सबका क्वाथ बनाकर, ठंडा करके प्रातः काल ही पीने से दिन रात में एक…
नज़ला-जुकाम 24. हींग, सौंठ और मुलहठी एक-एक ग्राम बारीक पीसकर गुड़ या शहद में मिलाकर चने के बराबर गोलियां बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली चूसने से जुकाम मिट जाता है। 1 25. बड़ी हरड़ के छिलकों का चूर्ण (6 माशा) को 6 माशा शहद में मिलाकर चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है। 26. फूले हुए सुहागे को पीसकर, शहद में मिलाकर, दिन में तीन चार बार चाटने से जुकाम दूर हो जाता है।
कुंडली में नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह माना जाता है कि पितृ दोष योग बन रहा है। शास्त्र के अनुसार सूर्य एवं राहू जिस भी भाव में बैठे होते है, उस भाव के समस्त फल नष्ट हो जाते है। मनुष्य की कुंडली में एक ऎसा दोष है जो इन सब दु:खों एवं पीड़ाओ को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है।…