कफ, वात्त, पित्त जैसी समस्याओं के समाधान के लिए अपनाए ये घरेलू उपाय

कफ, वात्त, पित्त जैसी समस्याओं के समाधान के लिए अपनाए ये घरेलू उपाय

वात कफ ज्वर(बुखार) का रामबाण इलाज

वात-कफ-ज्वर

जोड़ों में दर्द, अनिद्रा, सिरदर्द, खांसी-जुकाम पसीना आना, हल्का-हल्का ज्वर बना रहना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

  1. इन्द्र जौ, पीपल, सोंठ तथा पटोल पत्र इन सबका क्वाथ बनाकर सेवन करने से इस ज्वार में लाभ होता है। सिर्फ पीपल का काढ़ा पीना भी लाभदायक होता है।
  2. 2. कुलथी को भुनवाकर पीस लें और शरीर पर पसीने वाले भाग पर मालिश करें, क्योंकि इस बुखार में पसीना बहुत आता है।

3. कुटकी, बच, काला जीरा, कायफल तथा चिरायता इन्हें समभाग लेकर पीस लें, महीन पीसकर कपड़े में छान लें तथा शरीर पर मलें, इससे पसीना शीघ्र सूख जाता है। पसीना यदि जल्द बन्द न हो जाए, तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

  1. हरड़, अमलतास का गूदा, नागरमोथा, कुटकी इनका काढ़ा बनाकर पिलाने से रोगी का उपरोक्त ज्वर का पाचन होता है। यह क्वाथ दीपक, पाचन, दस्त साफ लाने वाला, आंव-शूल तत्काल नष्ट करने वाला है।
  2. कटेरी, गिलोय, सोंठ, पोहकरमूल और चिरायता इनका काढ़ा बनाकर पिलाने से उपरोक्त ज्वर का नाश होता है। अन्य ज्वरों में भी यह क्वाथ लाभदायक है।

6. पोहकरमूल, सोंठ, कटेरी, गिलोय इन सबका क्वास कास, श्वास, अरुचि, अफरा तथा शूल सहित वात-कफ-ज्वर को तत्काल दूर करती है।

कफ-ज्वर को ठीक करने के घरेलू उपाय

कफ ज्वर को ठीक करने के रामबाण इलाज

आलस्य, मुख का स्वाद खराब, शरीर में भारीपन, जी मितलाना. शरीर में दर्द, जुकाम, छाति में कफ-सा जमा हुआ प्रतीत हो । यही इस ज्वर के मुख्य लक्षण हैं। प्रायः रोगी बारह दिन तक इस ज्वर से पीड़ित हैं रहता है।

1. गिलोय, कटेरी, कुटकी, पोहकर मूल, नीम की छाल, सोंठ, कचूर, अडूसा, कायफल और शतावत इनका काढ़ा बनाकर पीने से कफ-ज्वर ठीक हो जाता है।

2. शहद में पीपल का चूर्ण मिलाकर चाटने से श्वास, खांसी,हिचकी, तिल्ली, अफरा तथा हिचकी युक्त कफ-ज्वर में लाभ होता है।

3. त्रिकुटा, अतीस, कुटकी, नीम तथा इन्द्र जौ इनका क्वाथ पीने से कफ-ज्वर का रोग दूर हो जाता है।

4. गिलोय, कुटकी, बच, त्रिफला, पटोलपत्र और अडूसा इन्हें समभाग लेकर काढ़ा बनाएं तथा शीतल हो जाने पर उसमें शहदडालकर पियें। इसमें विशेष लाभ होता है ।

5. गिलोय, पीपल, पीपरामूल, बिजौरा, नींबू कीजड़, सौंठ इनके काढ़े में जवाखार डालकर पीने से कफ-ज्वर ठीक हो जाता है।

6. पीपल, पीपरामूल, गज, पीपल, काली मिर्च, चीता, चव्य, सोंठ, रेणुका, इलायची, अजमोद, सरसों, हींग, पाड़ी, भारंगी, इन्द्र जौ, जीरा, बकायन मूर्वा, अतीस, कुटकी और बायाबिडंग इन समस्त औषधियों को एक-एक अथवा डेढ़-डेढ़ माशा लेकर क्वाथ बनाकर पीने से कफ-ज्वर नष्ट हो जाता है।

7. नीम की छाल, सोंठ, गिलोय, शतावर, कचूर, चिरायता, पोहकर मूल, पीपल और कटाई इन्हें तीन-तीन माशा लेकर जौकुट करके काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे कफ-ज्वर नष्ट हो जाता है।

कफ-पित्तज्वर को ठीक करने के घरेलू उपाय

कफ-पित्तज्वर को ठीक करने के घरेलू उपाय

कभी गर्मी और कभी सर्दी लगना, अरुचि, प्यास, खांसी, शरीर के जोड़ों में दर्द एवं पीड़ा, कफ का अधिक जाना, खुशकी, तीन दिन तक रोगी की अवस्था चिन्ताजनक रहना ही इसके मुख्य लक्षण हैं।1. लाल चन्दन, कुटकी, सोंठ, पित्तपापड़ा, खस, अडूसा, परवल, मोथा तथा नेत्रवाला इनका क्वाथ बनाकर पिलाने से तृषा-युक्त कफ- पित्त-ज्वर नष्ट हो जाता है।2. अदरक तथा पटोलपत्र का काढ़ा पिलाने से वमन, दाह तथा खुजली सहित उपरोक्त ज्वर दूर होता है।

3. पोटलपत्र, नीम की छाल, इन्द्र जौ, पित्तपापड़ा, धनिया इन पांचों को मिलाकरऔषधियों का काढ़ा बनाकर पिलाने से और उसमें मिश्री मिलाकर यह ज्वर दूर हो जाता है।

4. कूड़े की छाल पदमारव सोंठ, लाल चन्दन, गिलोय, पटोलपत्र तथा धनिया इन सबका क्वाथ बनाकर, उसमें शहद मिलाकर पीने या अन्य किसी रोगी को पिलाने से उपरोक्त ज्वर से मुक्ति मिल जाती है।

5. गिलोय, नीम की छाल, धनिया, लाल चन्दन तथा कुटकी इन पांचों औषधियों का काढ़ा बनाकर पिलाने से पित्त-कफ-ज्वर का पाचन होता है, तब रोगी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करता है।

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