कब्ज की समस्या को करना है दूर तो अपनाइये ये घरेलू नुस्खा
1 जंगी हरड़, अमलतास का गूदा, नागरमोथा, पीपरामूल, कुटकी इन सबको 6-6 माशा लेकर आधा किलो पानी में औटायें। जब चौथाई जल शेष रह जाये, उतारकर छान लें। इस क्वाथ के सेवन इन सबको से साफ होता है ।
2.यदि रोगी का टेम्परेचर हाई (गर्म मिजाज) हो तो 20 ग्राम गुलकन्द, 15 बीज निकाले हुए मुनक्के तथा 6 माशा निम्नलिखित चूर्ण इन सबको मिट्टी की एक छोटी सी हांडी में डालकर ऊपर से 375 ग्राम पानी डालकर आग पर पकाये, जब आधा पाव पानी रह जाए तब उतारकर मलकर छान लें, तब सेवन कराये। इससे रोगी को दस्त होगी और गरमी भी शांत होगी ।
3.कब्ज़ की अधिकता के कारण यदि बुखार में दस्त कराना हो दस्त तो 2-2 तोला अरण्डी के तेल को 250 ग्राम गर्म दूध में मिलाकर दें। यह गर्भवती स्त्री तक को दिया जा सकता है।
4.काली निशोध का चूर्ण 3 माशा को 6 माशा शहद में मिलकर 1 चाटने से रोगी को दस्त होता है । ज्वरों में दस्त कराने के लिए यह सर्वोत्तम उपचार है।
5.गुठली निकाली हुई बड़ी हरड़ का मुरब्बा एक या दो नग खिलाकर ऊपर से 250 ग्राम दूध पिला देने से ही 3-4 दस्त हो जाते हैं। नाजुक मिजाज रोगी को एक हरड़ से ज्यादा नहीं देनी चाहिए।
6.साधारण कब्ज़ में रात में सोते समय दस-बारह मुनक्के बीज निकालकर, दूध में उबाल कर खायें और ऊपर से वही दूध पी लें। इससे प्रातः खुलकर शौच आयेगा । कब्ज़ की शिकायत होने पर इसे 3 दिन लगातार लें।
7.पुराना बिगड़ा हुआ कब्ज़ तो दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः 8-10 दिन पीने से ठीक हो जाएगा। संतरों के रस में नमक, बर्फ या मसाला इत्यादि नहीं होना चाहिए ।
8.पीली (काबली) हरड़ को रात में बिघो दें और प्रातः इस हरड़ को पानी में थोड़ा-सा रगड़े और तनिक-सा नमक मिलाकर पिला दें। इससे कब्ज़ चाहे जितना पुराना हो, वह दूर हो जायेगा। एक हरड़ 5- 6 दिन तक काम करती है ।
9.मेथीदाना का सेवन करें. रात को एक चम्मच मेथी पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इस मेथी को पानी से निकालकर चबाकर खाएं और ताजा पानी पी लें. पेट साफ होगा.