मलेरिया के लक्षण एवं बचाव के घरेलु नुस्खे
यह बुखार (ज्वर) मच्छरों द्वारा फैलता है। इस ज्वर में यकृत तथा प्लाहा भी बढ़ जाया करता है। जिसमें सर्दी भी लगती है। यही इस ज्वर के मुख्य लक्षण हैं।
- आक के पत्तों में नमक मिलाकर, उन्हें जलाकर राख कर लें। फिर उस राख को अपने बल, बल के अनुसार शहद के साथ सेवन करें। इससे मलेरिया और उससे उत्पन्न सभी दोष दूर हो जाते हैं।
- पीपल का चूर्ण 3 रत्ती, जवाखार 3 रत्ती इन दोनों को 6 माशा में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से मलेरिया दूर हो जाता गुड़
है। 3. शहद में पीपल-चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक निरन्तर सेवन करते रहने से ज्वर में लाभ होता है।
- काली मिर्च 3 माशा, करंजवे की गिरी 3 माशा, सम्हालू के हरे पत्ते 3 माशा सबको पीसकर 8-10 गोलियां बना लें। ज्वर चढ़ने से 8-10 घंटा पूर्व एक-एक घंटे में एक-एक गोली ताजा पानी के साथ सेवन करें। बालकों को 5-5 गोली तथा व्यस्कों को 8-10 गोलियां हैं। इसके सेवन से हर प्रकार का मलेरिया नष्ट हो जाता है।
- नीम की छाल के काढ़े में धनियां तथा सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से मलेरिया बुखार शीघ्र दूर हो जाता है। यह औषधी कुनैन से भी अधिक प्रभावकारी है।
- काला जीरा, एलुआ, सोंठ, काली मिर्च, वकायन की निवौली तथा करंजवे की मींगी इन सबको पानी में पीकर चने के बराबर गोलियां बना लें। इन्हें 3-3 घंटे के अन्तर से दिन में 3 बार खिलाने से मलेरिया बुखार शीघ्र उतर जाता है।
अन्य ज्वर के रोगियों के लिए)
दाख, पखल, नीम की छाल, नागरमोथा, इन्द्र जौ तथा त्रिफला इन सबका क्वाथ बनाकर, ठंडा करके प्रातः काल ही पीने से दिन रात में एक बार चढ़ने वाला बुखार दूर हो जाता है।