सच्चे भक्त की क्या हैँ पहचान? कैसे बने सच्चे भक्त? ॐ नमः शिवाय

सच्चे भक्त की क्या हैँ पहचान? कैसे बने सच्चे भक्त? ॐ नमः शिवाय

ऐसा भी समय था की जब भोर के समय एक लकड़हारा काम पर अपनी कुल्हाड़ी लेकर निकल जाता था तो सर्वप्रथम  क्या करता था – पेड़ को नमन , क्योंकि वह उस पेड़ को अपने से बड़े के रूप में देख रहा होता है। तो इसी तरह की सजगता मौजूद थी कि जब भक्ति जीवन का एक हिस्सा थी, और कोई ऐसी वस्तु भी नहीं की जिसका आप अभ्यास करें। ऐसा हैँ की भक्ति का अभ्यास बिलकुल नहीं कर सकते। भक्ति का अभ्यास भी आपको बोहोत ज्यादा रूढि़वादी एवं कट्टरपंथी बना सकता है। इसी का परिणाम हम इस वक्त विश्व भर में देख रहे हैं क्योंकि भक्ति लोगो को सिखाई गयी हैँ । उनके  मन में किसी प्रकार की श्रद्धा नहीं है, वे  बस एक ही चीज को अपने से ऊपर समझते हैं, और बाकी सब चीजें उनसे नीचे समझनर लगते हैं जो की सर्वथा अनुचित हैँ । ऐसे में कोई भक्ति नहीं हो पायेगी । जब आप हर चीज को अपने से श्रेष्ठ समझेंगे, भक्ति तभी हो सकेगी।

तो अगर आप भी भक्त बनना चाह रहे हो , तो एक घंटे में कम से कम एक बार पूरी सजगता से किसी चीज या किसी व्यक्ति के सामने झुके । यह कोई भी या कुछ भी हो सकता है। इसे चुनना नहीं हैँ । बस जो भी उस समय मे आपके भीतर हो, उसी के सामने ही झुक जाएं।

जैसे लकडहरा पेड़ को अपने से श्रेष्ठ समझकर उसके सामने झुक जाता हैँ वैसे आपकी जीवन मे आप जिसे श्रेष्ठ समझते है उसी के  सामने आप झुक जाये.

अगर आपको कोई पेड़ दिखाई देता हैँ , उसी के सामने झुक सकते हो । आपको कोई पर्वत दिख रहा हैँ , उसके सामने झुक जाये । आपको कोई व्यक्ति दिखाई दे, उसके सामने झुक जाइये । कोई कुत्ता दिखे या कोई बिल्ली दिखे या कोई हाथी दिखे या जो भी दिखे, उसके सामने झुक जाये । दिन में प्रत्येक घंटे मे एक बार ऐसा करें और देखिए कि क्या इसको एक मिनट में एक बार तक किया जा सकता है। एक मिनट में यदि आप एक बार ऐसा होने लगा तो उसके पश्चात झुकने के लिए आपको अपनी गर्दन एवं सिर झुकाने की आवश्यकता नहीं होगी। आप ऐसा अपने भीतर से ही करते रहेंगे। एक बार यदि यह आपकी आदत में शामिल हो गया तो आप भक्त हो जाएंगे।

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